👉बाजार में खाद और औषधीरूप में रसायनों का ईस्तेमाल होता है.
आप और आप के परिवार को, खासकर बच्चो के स्वास्थ्य को
भविष्य में संकट में ना डाले.
👉 Health Insurance Policy से
स्वास्थ्य का खर्चा निकल जाएगां
लेकीन स्वास्थ्य वापस आएगा?
👉 क्या आपको पता है?
स्वास्थ के दिशा में वर्तमान में किए हुए छोटे छोटे प्रयास भविष्य में
स्वास्थ्य के हेतू बडी जित दिलाएगा ?
👉शराब पिना, धुम्रपान करना
सेहत के लिए घातक है, तभी कुछ लोग छोडते नहीं,
क्यों की वह अपनो की पर्वा नहीं करते,
वैसेही बाजार में मिलनेवाली सब्जीयां भी सेहत के लिए घातक है,
तभी कुछ लोग खाते है, क्यों की उन्हे भी अपनों की पर्वा नहीं है?
👉हमने 23 साल पहेलेही खतरो को माप लिया था और
उस दिशा मे काम करना शुरू किया था.
एक कदम आपको ही आगे आना पडेगा. निर्णय सर्वस्वी आपका है.
👉 बारिकी से सोचो, कार्यरत बनो, घर पर सब्जीयां उगाओ.
👉१) अनलिमिटेड वन टू वन सपोर्ट कॉल जिसमें आप
पर्सनली कॉल, व्हिडीओ कॉल या चॅट कर सकते है.
👉२) हप्ते मे दो बार लाईव्ह सेशन. जिसमें हिंदी और मराठी भाषा में
विषयानुसार 12 मोड्यूल सेशन और प्रश्नोंत्तरो के समाधान के साथ साथ
108 वनस्पतीयों का याने फल, फूल, सब्जी, पेड, औषधी वनस्पतीयों के सब टॉपीक्स कव्हर होगें.
👉३) लाईव्ह सेशन का रिकार्ड का एक्सेस मिलेगा याने एक भी सेशन चुकेगा नही.
👉४) ऑरगॅनिक फार्मिंग एवंम अर्बन फार्मिंग के एक ही फीज में कव्हर होती है.
👉५) पचास हजार रूपये का ये ऑनलाईन कोर्स आपको
92 % ऑफ करके याने 8 % ऑफर प्राईज में मिल रहा है.
अधिक जानकारी के लिए अंत तक लिंक पर क्लिक करे.
बागवानी की गतिविधियों में व्यस्त होनेसे कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं।
इससे शारीरिक व्यायाम का एक मौका मिलता है, जो स्वास्थ्य, ताकत, और शरिर के लचीलापन को बढ़ावा देता है।
बागवानी करनेसे मनोभाव को सुधारने और समग्र मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकती है।
आउटडोर्स में समय बिताना और सर्यू की किरणों के संपर्क में
रहनेसे विटामिन डी के स्तर मेंदू वृधि होती है, जो हड्डी स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा कार्य के लिए आवश्यक है।
तो उपलब्ध जगहं में बागवानी करना जरूरी है.. उगाते रहे.. स्वास्थ रहे..
बागवानी व्यक्तियों और कुटुंब के सदस्यों को अपना खाद्य उत्पादन करने की प्रेरणा देती है,
जो खाद्य सुरक्षा ( प्राकृतिक तरह से ) और आत्म-सुस्थिति में (आनंददायी मनोवस्था) योगदान करती है।
अपने बाग में फुल, फल, सब्जी और जड़ी-बूटियाँ उगाना ताजगी भरे,
पौष्टिक उत्पादों प्रदान करता है, जो आहारिक विकल्पों में सुधार कर स्वस्थ जीवनशैली को
प्रोत्साहित करता है। इसके अलावा, घर पर सब्जी उगाने का एक आसान तरीका होने से
बाजारी रासायनिक खांदो को कम करने का एक कारगर तरीका है।
बागवानी विशेष रूप से बच्चों के लिए शिक्षा और शिक्षण के लिए एक उत्कृष्ट मंच है।
यह उन्हें पौधों के जीवन चक्र, मृदा के महत्व और जीवित प्राणियों के परस्पर
अवलंबित्व के बारे में सिखाती है। बागवानी भी जिज्ञासा, सकारात्मक सोच, समस्या का
समाधान और धैर्य को पोषण करती है। कई स्कूल और समुदायों ने अपने पाठ्यक्रम में
बागवानी को सम्मिलित कर दिया है ताकि अनुभवात्मक शिक्षा को बढ़ावा मिल सके।
बागवानी पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
सजिव पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं,
जिससे ग्रीनहाउस गैसों के कार्बन के स्तर को कम करने में मदद मिलती है।
बागों द्वारा विभिन्न कीटों, पक्षियों और लाभदायक जीवों के लिए आवास प्रदान करके जैव विविधता में योगदान देते हैं।
इसके अलावा, कंपोस्टिंग, जल संरक्षण, और कार्यान्वयन करने जैसे स्थायी बागवानी गतिविधियों
को शामिल करने से पर्यावरणीय नकारात्मक प्रभाव को कम करने और
पारिस्थितिकी संतुलन को प्रोत्साहित किया जाता है।
बगीचा हमारे आस-पास की सुंदरता और सौंदर्यिक आकर्षण को जोड़ते हैं।
चाहे वह एक छोटी सी जगह हो या घर का पिछवाड़ा वाली बगीची हो या
टेरेस या बाल्कनी हो, या पार्क, संरक्षित स्थानों से मोहल्लों और शहरी पर्यावरण की
दृश्यमान की आकर्षण को बढ़ाते हैं। फूल, अलंकारी पौधे और लैंडस्केप की क्षेत्रें शांति का
अनुभव कराते हैं, मानसिक स्वास्थ्य को सुधारते हैं, और
आराम और मनोरंजन के लिए एक स्थान प्रदान कर सकते हैं।
बागवानी एक पर्यावरणीय एवंम सामाजिक गतिविधि है.
जो लोगों को बागवानी के बहोत सारे कारणों से एकजुट करती है,
परस्पर संबधो को दृढ करती है। सामुदायिक बागवानी और
वैयक्तिगत बागवानी लोगों को संपर्क करने, आपसी ज्ञान साझा करने और
सहकर्मियों के साथ हेल्थी संबंध बनाने का अवसर प्रदान करती हैं।
ये स्थान सहयोग, सहकारिता और एक संबंध की भावना को प्रोत्साहित करते हैं।
बागवानी एक तरीका भी हो सकती है समुदाय के साथ,
कुटुंब के साथ सहज संबंध बनाने और सेवा करने का, स्वयंसेवा करके या बागवानी से संबंधित
कार्यक्रमों का आयोजन करनेके मौके प्रदान करती है...
इसिलिए उपलब्ध जगहं में बागवानी तयार करना, आपसी साथ रिश्ते बनाना जरूरी है...
👉 54 घंटो का ऑनगोईंग लाईव्ह सेशन जो
चुनी हूई मुख्य भाषा उपलब्ध अगले 365 दिन में पुरा होगा.
👉54 घंटो का लाईव्ह रेकॉर्डेड सेशन मिलेंगे
(पिछले साल कोर्स का रेकॉरडेड व्हिडीओ है)
👉54 घंटो का यूटयूब प्रिमियम कंन्टेटं व्हिडीओस
जो सिर्फ कोर्स मेंबर को ही दिखता है.
👉54 घंटो का पर्सनल कॉल, व्हिडीओ कॉल, उपलब्ध है.
👉 54 घंटो का लाईव्ह सेशन उपभाषा
(मराठी या हिंदी में से एक)
में जानने के लिए सहभाग ले सकोगे.
👉तो लगभग आपको 260 घंटो का कोर्स है.
जो पुरी तरह उन्नत य़ाने के प्रगतशील के रूप में हम दे रहे है.
👉तो ये कोर्स आपको प्रतिदिन १० रू. के खर्चे में मिल रहा है.
अधिक जानकारी के लिए अंत तक पढे, या लिंक पर क्लिक करके आगे बढे.
👉 पेड पौधौं को बढाने एवंम स्वास्थ रखने के लिए टिप्स न् ट्रिक्स
जैसे मिट्टी को पेहलवान बनाना. किडों का नियत्रंण
👉 प्रकृती कैसे काम करती है उसका फंडामेंट्ल नॉलेज
👉 बाजार से खाद, दंवा लाने की जरूरत नही, तो पैसे की बचत.
👉 गार्डेनिंग के लिए किसी माली या गार्डनर की जरूरत नही.
👉 आपको बागवानी का समाधान कही और ढुंढने की जरूरत नही.
👉गार्डनिंग के लिए मटेरियल नही नॉलेज की जरूरत है इसका दर्शन होगा.
👉बागवानी उत्पादनशील ( प्रोडक्टीव्ह) होगी.
जैसे रोज ग्रीन ज्यूस के लिए इडीबल पत्तो की उपलब्धी.
रोज सलाद के लिए मिक्स व्हेजटेबल मिलेगी
रोज की ऑरगॅनिक सब्जियां
अधिक जानकारी के लिए अंत तक पढे, या लिंक पर क्लिक करके आगे बढे.
ऑनलाईन गार्डेनिंग कोर्सेस बहोत सारे है.
लेकीन इनमेंसे हमारी खास विशेषतःए है.
जैसे की हम, फुल, फल, सब्जियां, औषधी वनस्पतीयां, संक्यूलंट्स,
कॅकट्स, एवंम एक्सोटिक्स सब्जियां बिज से लेकर फसल तक सारी टॉपीक्स कव्हर होती है.
मराठी भाषा में कोर्स जानेवारी २०२३ से शुरू हुआ है.
और हिंदी भाषा में मार्च २०२३ से शुरू हुआ है.
इसके पहेले जो भी सेशन हुए है. वो सारे कोर्स की
भाषा के चयन नुसार आपको देखने मिल जाएंगे.
कोई सेशन मिक्स्ड नही होगा.
अगर किसी कारणवश आप लाईव्ह सेशन में न
ही आ पाये तो आपको इसका रेकॉर्ड व्हिडीओ
मिल जाता है.
रेकॉर्ड व्हिडीओ पाने के लिए
आपको आपकी मेंबरशिप की तय सिमा समय में
एक्सेस करने के लिए आपको मेंबरशिप डॅशबोर्ड की लिंक, पासवर्ड
दिया जाता है.
लाईव्ह सेशन्स के लिए झूम सॉफ्टवेअर का
ईस्तेमाल किया जाता है. आपाद कालीन
गुगल मीट का यूज किया जाता है.
अधिक जानकारी के लिए कोर्स की
भाषा का चुनाव करे.
1 जून 1979, शिक्षणः पत्रकारिता, माध्यमों के कार्यप्रणाली एवंम पिरणाम में रूची, पत्रकारिता एवंम लोकसंगठन का अनूभव,
नेचर लव्हर, होम कंपोस्टींग, प्राकृतिक सब्जियां उगांने में रूची और प्रचार प्रसार में कार्यरत
1)माध्यम संसाधन केंद्र, क्षणोक्षणी शिक्षण (बच्चे, महिला, तरूण, किसांनो) के साथ शाश्वत शेती तंत्र विकास का गांवो में प्रचार प्रचार (2001)
2) झिरो वेस्ट प्रोजेक्ट (सृजन) संकल्पना के निर्मिती, योजना निर्मिती और कार्यान्वयन का अनुभव (2005)
3) पर्यावरण विषय पर 8 पाँकेट साईज किताबों का सहलेखन (2005) माध्यम संसाधन केंद्र –समन्वयक ते प्रकल्प प्रमुख जिम्मेदारी (2009 ते 2013)
4) गच्चीवरची बाग- छत पर खेत की व्यक्तिगत स्तर पर शुरूवात (2001 ते 2022)
5) प्राकृतिक खेती के लिए महाराष्ट्र के प्रयोगशील किसांनो का अभ्यास एवंम थायलैड का दौरा. (2003)
6) कचरा व्यवस्थापन, किचन गार्डन संकल्पना के तंत्र एवंम विचारों की आदान प्रदान के झिम्बाँबे में वास्तव (2005)
7) गार्डन वेस्ट, किचन वेस्ट व्यवस्थापन,प्राकृतिक रूप से सब्जियों उगांने के प्रयोग व अभ्यास (2005-2013)
8)गच्चीवरची बाग इस मराठी किताब का प्रकाशन व इन्व्हार्यमेन्टल सोशल इंटरप्रिनअर पर्यावऱणीय सामाजिक उद्यमशिलता को शुरूवात (2013)
9) गच्चीवरची बाग स्पर्धा का आयोजन (पुरस्कार-पारितोषिक वितरण) (2014)
10) गारबेज टू गार्डन विषयोंपर सोशल मीडिया, कार्यशाळा या व्दारे अलग अलग उम्र के गुटों को मार्गदर्शन कार्यशालांयो का आयोजन
11) 2023 से ऑरगॅनिक व्हेजेटेबल गार्डेनिंग की ऑनलाईन क्लासेस को शुरूवात
१) झिरो वेस्ट इस पाच मिनीट की शहरी खेती के विषयावर लघूपट निर्मिती ( 2005)
२) कचरा व्यवस्थापन विषयपर नाशिक आकाशवाणी केंद्राव्दारे युवावाणी कार्यक्रम में मुलाखत (2005)
३) भारतीय सजीव कृषी समाज (OFAI) व्दारा सज्जा पर सब्जी लघूपट की निर्मिती (जाने. 2015)
४) मी मराठी चित्रवृत्त् वाहिनी पर कचरा मुक्ती कार्यक्रम में गारबेज टू गार्डन संकल्पना की दखल एवंम प्रसारण (फेब्रु-2015)
५) साम मराठी या चित्र वाहिनीव्दारा शहरनामा व अँग्रोवन या बातमीपत्र में 10 मिनींट का विशेषभाग प्रसारण (एप्रिल 2015)
६) गच्चीवरची बाग विषयपर नाशिक आकाशवाणी केंद्रव्दारे 8 भांगों का 40 मिनीट का प्रसारण (जून 2015) व पुनर्प्रसारण २०१६
७) झी २४ तास व्दारा दोन मिनीट का समाचार पत्र ( मार्च२०१६)
८) मुंबई आकाशवाणी केंद्रव्दारा हिरवा परिसर या कार्यक्रम में मुलाखत (नोह्वे. १६)
९) पाणिनी व आहुती इस दिवाली अंको में अनुक्रमे लेख व कार्य का परिचय (नोह्वे. १६)
१०) मुंबई आकाशवाणी परिसर में– मुलाखत (नोव्हेंबर 16)
११) नाशिक विश्वास रेडीओ पर शहरी परसबाग कार्यक्रमों में मुलाखात व दर्शकों के प्रश्नो के जवाब, ( JAN 2016 to DEC 2017)
12) महाराष्ट्र टाईम्स, नाशिक सोबत गच्चीवरची बाग व पर्यावरणपुरक कुंड्या बनवण्याची कार्यशाळा आयोजन
13) सप्रेम मराठी, वंडरींग माईन्ड, अभिव्यक्ति ईस युट्यबर व्दारा फिल्मो का निर्माण एवंम प्रसारण ( 2019- 2022)
14) मराठी बिझिनेस व्दारा मुलाखत प्रसिद्ध (2023)
१) दिव्य मराठी, लोकसत्ता, लोकमत, लोकमत टाईम्स, अँग्रोवन, महाराष्ट्र टाईम्स, टाईम्स आँफ इंडिया,
डी.एन.ए.- आँनलाईन, सकाळ, पुण्यनगरी, पुढारी, गावकरी इन अखबारों में प्रचार प्रसार एवंम कार्यपरीचय प्रकाशीत.
२) लोकसत्ता –चतुरंग या पुरवणीत गच्चीवरची बाग या सदरात लेखमालिका फेब्रु.2015 ते डिसें 2015) चतूरा में पुर्नप्रकाशन ( २०२३)
३) प्राँपर्टी शेल्टर- नाशिक, स्वपथगामी-उदयपूर-राजस्थान, स्मार्ट उद्योजक-मुबंई, आधुनिक किसान-सातारा,
दानापानी या हिंदी पत्रिकेत गच्चीवरची बाग पुस्तकाचे क्रमशः भाषांतरीत लेख प्रसिध्द..
ऐसेही विविध नियतकालीकों में लेख प्रसिध
ऑफलाईन कार्यशालाएं
नाशिक, अलिबाग, पनवेल, मोरवी, (गुजरात), तळेगाव दाभाडे-चाकण पुणे यहां 50 हजार लोगों को मार्गदर्शन, ( 2023 तक)
सोशल मीडियाव्दारे 50 लाख लोगों को मार्गदर्शन ( 2023) तक
विविध गणपती मंडळ, महिला मंडळ, जेष्ठ नागरिक संघ, बचत गटांतील 10 लाख लोगों को मार्गदर्शन फेसबूक मार्केटिंग
फेसबूक पर ऑरगॅनिक एवंम पेड विज्ञापन व्दारा 25 कोटी लोगों तक पहूंच
गुगल / युट्यूब मार्केटिंग गुगल एवंम यूट्यूब व्दारा 50 कोटी लोगों तक पहूंच
१) रोटरी क्लब आँफ अंबड, नाशिक तर्फे व्यावसायिक सेवा पुरस्कार (आँक्टो. 2014)
२) किर्लोस्कर वसुंधरा इंटरनॅशनल फिल्म फेस्टिव्हल व्दारा वसुंधरा मित्र पुरस्कार (जूलै 2015)
3)विमुक्ता स्त्री मंच तर्फे सन्मान ऑगस्ट १६
4) मराठी विज्ञान परिषद व्दारा सन्मानपत्र
रूपये 1200 से (12 महिने के लिए) कोर्स की लॉन्च ऑफर शुरू हुई थी,
आज रूपये 3650 तक पहुंच गयी है. भविष्य में भी ये प्राईज बढने वाली है.
तब आजही, अभी कोर्स को खरिद ले.
अभी कॉल करेः 9850-56-9644